Friday 6 January 2017

अध्याय - 1 पोकरण : एक परिचय



अध्याय - 1

पोकरण : एक परिचय 
पोकरण का शब्दार्थ -
पुष्करणा ब्राह्मणों के पूर्वक पोकर (पोहकर) ऋषि द्वारा बसाए जाने के कारण इस स्थान का नाम पोकरण पड़ा।1 आज भी यहां बड़ी संख्या में पुष्करणा ब्राह्मण निवास करते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस क्षेत्र में 18 पोखर (पहाड़ियाँ) और एक रण (नमक की झील) थी इसलिए यह क्षेत्र पोकरण कहलाया।
भौगोलिक स्थिति -
पोकरण शहर 26055‘ उत्तर और 71055‘ पूर्व में स्थिति है। यह जोधपुर शहर के 85 मील (180 किमी.) उत्तर् -पूर्व की ओर स्थित है। पोकरण शहर निम्न भूमि की ओर स्थित है  तथा उत्तर्  दक्षिण और पश्चिम की ओर पर्वतों से घिरा है। जलीय संसाधन अच्छी मात्रा में है।2 पोकरण का भौगोलिक क्षेत्रफल 9,61,354 (9517.08 वर्ग कि.मी) है।3
सीमा -
पोकरण वर्तमान में जैसलमेर जिले का भाग है तथा तहसील मुख्यालय है। आजादी से पूर्व यह जोधपुर रियासत का एक महŸवपूर्ण भाग रहा । पोकरण और उसके आस-पास का क्षेत्र थेरडा नाम से भी जाना जाता है।                               
जलवायु -
पोकरण की जलवायु विषम है। शीतकाल में अधिक शीत और उष्ण काल में अधिक उष्ण है। रेतीली मिट्टी के कारण गर्मियों में रात्रि ठण्डी होती है जबकि दिन काफी गरम होते है। गमियों के दिनों में पूरे इलाके में लू चला करती है। आंधियाँ सामान्य बात है। रेत और गर्म हवा के लघु चक्रवात (र्भभूल्या) गर्मियों के दिनों की सामान्य विशेषता है।
पोकरण में वर्षा शेष भारत या राजस्थान के तुलना में काफी कम है। औसत वार्षिक वर्षा 218 मि.मी. है जबकि इस वर्ष 2005 में वर्षा मात्र 142 मि.मी रही ।4
जनसंख्या -
ठा. मंगलसिंह के समय में पोकरण खास की कुल जनसंख्या 7314 थी, पुरुष 3618 एवं औरते 3696 थी। कुल आबाद घर 1633 थे। पोकरण की जनसंख्या 1901 ई. में मात्र 7,125 थी।5

कृषि-
पोकरण शुष्क क्षेत्र में आता है। निम्नभूमि में अवस्थित होने के कारण पीने के पानी की तो पर्याप्त उपलब्धता है किन्तु कृषि कार्य की दृष्टि से जल अपर्याप्त है। कृषि कार्य के लिए कृषक मानसून की वर्षा या मावट (महावट) पर निर्भर थे। सामान्यतया खरीफ की फसल की उपजाई जाती थी। पोकरण के ठाकुरों को लगभग 100 गांवों का जागीर पट्टा प्राप्त था किन्तु अकाल जल की कम  उपलब्धता, खारा पानी तथा भूमि की कम उत्पादकता के कारण उन्हें भूमि पट्टे अन्य स्थानों पर भी ईनायत किए गए जैसे कि सिवाणा, जालौर इत्यादि।6
अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्र -
आजादी से पूर्व पोकरण में एक डिस्पेंसरी हुआ करती थी। इस डिस्पेंसरी का व्यय एवं रख-रखाव पोकरण के ठाकुर के जिम्मे था। 7 पोकरण में एक पोस्ट ऑफिस भी था।

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